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नासिर क़ाज़मी
शुक्रवार, 20 अगस्त 2010
बुड़ बुड़ करते लफ़्ज़ों को ; गुलज़ार
बुड़ बुड़ करते लफ़्ज़ों को चिमटी से पकड़ो
फेंको और मसल दो पैर की ऐड़ी से ।
अफ़वाहों को खूँ पीने की आदत है।"
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